Event

ख्याति प्राप्त योगाचार्य अशोक जी की श्रद्धांजलि सभा रोहतक में आयोजित

ख्याति प्राप्त योगाचार्य अशोक जी की श्रद्धांजलि सभा रोहतक में आयोजित की गई, जिसमें उनके चाहने वालों में कश्मीर से कन्याकुमारी तक का अपार जनसमूह उन्हें श्रद्धांजलि देने जुड़ा।

कबीरा जब हम पैदा हुए जग हँसे हम रोए,
ऐसी करनी कर चले हम हँसे जग रोए।

योगाचार्य श्री अशोक जी को श्रद्धांजलि उपयुक्त कबीर जी का दोहा उन पर पूर्ण रूप से लागू होता है। वह एक महान पुण्य आत्मा थी जिन्होंने एक महान योगी सद्गुरुदेव योगेश्वर देवीदयाल जी महाराज के वंश में तृतीय पुत्र के रूप में 1953 में जन्म लिया। बहुत संस्कारी अधिकारी आत्माएँ होती है जो योगी महापुरुष के घर जन्म लेती है और जन्म से ही उनकों योग में संस्कार मिलते है। आपजी ने अपना सारा जीवन अपने गुरु/पिता योगेश्वर देवीदयाल जी महाराज (तृतीय गुरु गद्दी) एवं अपने भ्राता श्री सद्गुरुदेव स्वामी सुरेन्द्र देव जी महाराज (चतुर्थ गुरु गद्दी) की आज्ञा के अनुसार अपना जीवन यापन करते हुए आश्रम एवं योग की सेवा में लोक हित के लिए मानव कल्याण में लगा दिया।

भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं कि जो-जो करता हुआ मानव जीवन के लक्ष्य मोक्ष तक नहीं भी पहुँच पाता। उसे मैं अगला जन्म योगी परिवार में उच्च कुल में देता हूँ ताकि जहाँ से उसने योग साधना अनुसार पूनर्जन्म से शुरू करके अपना जीवन सफल कर सके। ऐसे ही हमारे योगाचार्य श्री अशोक जी का जीवन हुआ। आपजी के पिता जी योगेश्वर देवीदयाल जी महाराज एक महान योगी हुए जिन्होंने हम जैसे भटके हुए अनगिनत जीवों को योग के मार्ग पर लगा कर भक्ति की राह दिखाई। ऐसे उच्च कुल में जन्म लेना ही बहुत सौभाग्य की बात है। ये समस्त परिवार ही योगी परिवार है। आपजी के जेष्ठ भ्राता श्री स्वामी लाल जी महाराज आज भी देश-विदेशों में योग का प्रचार कर रहे हैं। और आपजी के जेेष्ठ भ्राता श्री स्वामी सुरेन्द्र देव जी महाराज ने अपना सारा जीवन संसार की मोह माया त्याग कर योग की सेवा में, आश्रम की सेवा में, जन कल्याण पर निच्छावर कर दिया।

ऐसे महान महापुरुषों के कर-कमलों में नत्मस्तक होता हूँ। और आपजी के भतीजे प्रधान योगाचार्य श्री स्वामी अमित देव जी दिन-रात एक करते हुए श्री योग योगेश्वर महाप्रभु रामलाल जी भगवान (प्रथम गुरु गद्दी) के योग ध्वज को और ऊँचा कर संसार में फैला रहे है। जिसमें हमें पूर्ण सहयोग देकर पुण्य के अधिकारी एवं प्रभु जी के कृपा के पात्र बनना चाहिए। प्राणी के जन्म से लेकर बल्कि उससे पहले से ही अन्त तक सोलह संस्कार होते है। और ये अन्तिम संस्कार सोलवाँ संस्कार होता हैं। जिस विधि-विधान से, श्रद्धा-भक्ति से श्री योगाचार्य अशोक जी का अन्तिम संस्कार हुआ है। वह कम प्राणियों को नसीब होता है। आप अपना जीवन सफल करके इस संसार से विदा हुए। जैसे योगी पुरूष जाते है। न ही स्वयं कष्ट उठाया, न किसी को कष्ट में डाला। यह महान पुण्य आत्मा का संकेत है। लेकिन हम सबके लिए यह दुःख सहना सरल कार्य नहीं है। उनका पंचभौतिक शरीर आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका वास हमारे दिलों में है। जो प्राणी दिलों में वास कर गया। वह युगों-युगों तक संसार में अमर रहता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपजी के सुपुत्र श्री नितिन जी एवं श्री कार्तिकेय जी आपजी के पद चिन्हों पर चलते हुए अपने गुरुजनों की कीर्ति और यश को और बढ़ायेंगे।

श्री महाप्रभु जी के चरणों में यही प्रार्थना है कि वो आपको अपने चरणों में स्थान दें। और हम सब भगत समाज आपके साथ है परन्तु विधि के विधान के आगे, प्रभु इच्छा के आगे प्राणी को नत्मस्तक होना ही पड़ता है। आपजी की कमी तो पूरी नहीं हो सकती। हमारी परमपिता परमात्मा श्री महाप्रभु जी के चरणों में फिर ये ही प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। और परिवार को इस महान दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों एवं धार्मिक डेरों के अलावा पूरे देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु पहुँचे। श्रद्धांजलि देने वालों के यह बात गले बिल्कुल नहीं उतर रही थी कि जो शख्सियत कल तक उनके बीच में थी आज वह हमेशा के लिए सांसारिक जीवन को अलविदा कह गई। सभी के जुबान पर एक बात स्पष्ट थी कि जिसके जीवन में योगाचार्य अशोक जी आए उसके जीवन की कायाकल्प कर दी। उनकी कार्यशैली इस कदर बेदाग और निस्वार्थ थी कि वे हर व्यक्ति के दुःख-सुख में हर पल खड़े नजर आते थे और यही बात सोच कर उनके चाहने वालों की आँखें नम हो जाती हैं कि जो कल उनके दुःख-सुख का साथी था आज वह उनके बीच नहीं रहा।

योगाचार्य अशोक जी के सबसे करीबी लखनऊ के डाॅक्टर अखिलेश तिवारी जी भी ने नम आँखों से श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि योगाचार्य अशोक जी के चले जाने से उनके जीवन में जो अंधकार आया है उसमें कभी रोशनी मुमकिन नहीं है। उनका कहना है कि उन्होंने एक ऐसे सच्चे मित्र और बड़े भाई को खो दिया जिसकी उनके जीवन में भरपाई होना संभव नहीं है। वहीं हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डाॅ0 हरिकिशन अग्रवाल ने कहा कि योगाचार्य अशोक जी एक सच्चे ईमानदार और निस्वार्थ इंसान हुए और उनका जो सानिध्य उन्हें मिला वह कभी भूल नहीं सकते। वहीं योगाचार्य अशोक जी के बड़े भाई स्वामी लाल जी महाराज ने कहा कि उनके जीवन काल में दो छोटे भाईयों का उनकी आँखों के सामने चले जाना सबसे बड़ा दुःख है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उन्होंने बोलते हुए कहा कि आज उनके प्रिय छोटे भाई योगाचार्य अशोक जी की श्रद्धांजलि सभा में जिस तरह से लोगों का अपार जनसमूह देखने को मिल रहा है उससे स्पष्ट है कि योगाचार्य अशोक जी एक मिलनसार शख्सियत हुए।

योगाचार्य अंजलिना जी ने अपनी तथा अपनी बहन अवंतिका एवं स्मारिका जी तथा उनके परिवार की तरफ से नम आँखों से अपने चाचा योगाचार्य अशोक जी को श्रद्धांजलि दी। वहीं स्वामी अमित देव जी महाराज ने कहा कि उनके चाचा जी का उनके जीवन और परिवार से चले जाना एक बड़ी दुःखद घटना है। उन्होंने कहा कि पिता सद्गुरुदेव स्वामी सुरेन्द्र देव जी महाराज के चले जाने के बाद उन्हें उनके चाचा आदरणीय योगाचार्य अशोक जी का बहुत बड़ा सहारा था लेकिन उनकी आँखों के सामने ही उनके चाचा जी ने अंतिम सांस ली वह क्षण वे कभी नहीं भूल सकते। कल श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से पूर्व सहकारिता मंत्री श्री मनीष ग्रोवर जी, हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डाॅ0 हरिकिशन अग्रवाल जी, डाॅ0 कुंदन मित्तल जी, डाॅ0 संजय तिवारी, योगाचार्य अशोक जी के सबसे प्रिय मित्र गोरी जी, वतन स्कूल के निदेशक सोनीपत बहालगढ़ चैक स्थित हनुमान मंदिर के महंत सीताराम जी, डेरा गोकर्ण तीर्थ के महामण्डेश्वर महंत बाबा कपिल पुरी जी एवं बाबा कमल पुरी जी, बालक पुरी धाम के महंत बाबा करण पुरी जी, डेरा बाबा मूलासंत जी के महंत बाबा मोहन दास जी, अहिंसा विश्व भार्ती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि जी महाराज, आचार्य सुशील मुनि जी, पवन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक गुरु पवन सिन्हा जी, संत सरदार अवतार सिंह जी, लोटस टेंपल से- डाॅक्टर ए.के. मर्चेंट, आचार्य डाॅ0 राजेश ओझा जी महाराज, पूज्य पंडित संजय शर्मा जी, नगर निगम के उपमहापौर राजू सहगल जी, भट्ठा एसोसिएशन के प्रधान गुलशन नारंग जी, बाॅबली के राज परिवार से- श्री रंगारा राव जी एवं श्रीमति राज राजेश्वरी देवी ने शोक संदेश के साथ गुरु परिवार को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करी।

कश्मीर से- मो. मकबूल मलिक जी, अमृतसर से- श्री रमन जोशी जी एवं श्री संजय जोशी जी, हाँसी से- योगाचार्य संतोष जी, हिसार से- योगाचार्य तिलक टक्कर जी, श्री राधेश्याम जी, योगाचार्य शेखर खुराना जी, टोहाना से- योगाचार्य राजेन्द्र बत्रा जी, नरवणा से- श्री विनोद गोयल जी, सिरसा से- श्री आर.के. भारद्वाज जी, योगाचार्य कुलवंत ग्रोवर जी, योगाचार्य दीनानाथ जी, श्री बसंत थिरानी जी, श्री ज्योति थिरानी जी, श्री कीर्ति थिरानी जी, श्री सुभाष थिरानी जी, राजपुरा से- योगाचार्य पवन कुमार जी, फतेहाबाद से- योगाचार्य सुमन जी, पटियाला से- योगाचार्य पर्तिभा बेदी जी, अम्बाला से- श्री बावा जी, लुधियाना से- कु. ओमकार सिंह जी नरूला, श्री पास्टर मदन जी, भटिंडा (पंजाब) से- योगाचार्य योगराज जी, होशियारपुर से- योगाचार्य के.के. खन्ना जी, कोलकाता से- श्री अभिषेक थिरानी जी, गंगानगर से- जादूगर सम्राट शंकर जी, योगाचार्य लीला राम जी, मनिमाजरा से- योगाचार्य धर्मेंद्र अब्राॅल जी, सतीश अवस्ती जी, श्रीमति भार्ती जी, सहारनपुर से- योगाचार्य शकुन्तला देवी जी, श्री राधेश्याम नारंग जी, लखनऊ से- योगाचार्य इन्दरसेन गांधी जी, बिजनौर से- मुफ्ती शमून कासमी जी, जगाधरी से- श्री राजिन्द्र बजाज जी, श्री राम स्वरूप दुआ जी, श्री फतेह चन्द दुआ जी, श्री अशोक गर्ग जी, श्री नीरज गुलाटी जी, श्री राजीव तनेजा जी, श्री विनय भाटिया जी, श्री दीपक गुलाटी जी, करनाल से- योगाचार्य डाॅ0 दमयन्ति शर्मा जी, श्री भीमसेन सरदाना जी, श्री प्रनव जावा जी, योगाचार्य विजय डींगरा जी, योगाचार्य अन्जना जी, सोनीपत से- योगाचार्य मनीष शर्मा जी, श्री रमेश चन्द गोयल जी, श्री राजेन्द्र खुराना जी, श्रीमति कमला देवी जी, श्रीमति फूला देवी जी, पानीपत से- योगाचार्य सुरेन्द्र अहुजा जी, योगाचार्य बलदेव अहुजा जी, श्री सतपाल अहुजा जी, योगाचार्य देव सलूजा जी, चंडीगढ़ से- श्री राजेन्द्र कौशिक जी, श्री सुरेश शर्मा जी, श्री ए.पी. सरीन जी, योगाचार्य भूपेन्द्र सिंह नेगी जी, श्री दर्शन कुमार जी, श्री सुनील राणा जी, श्री अरूण जोहर जी, श्री सुभाष कौशल जी, श्री प्रवीन शर्मा जी, योगाचार्य श्रवण कुमार जी, योगाचार्य रोशन लाल जी, श्री देवी चन्द जी, श्री राज कुमार जी, योगाचार्य प्रदीप शर्मा जी, श्री महेन्द्र खुराना जी, श्री दीपचन्द ग्रोवर जी, श्री महेश झा जी, श्री श्याम सुन्दर जी, श्री अशोक दुआ जी, श्री नरेश गोयल जी, सूरत से- योगाचार्य चन्द्र प्रकाश जी, विजयवाड़ा से- श्री वाई.वी. हनुमन्ता राव जी, श्री सतीश सूद जी, योगाचार्य कुन्डाराम जी, श्री मुरारी लाल अग्रवाल जी, योगाचार्य विजय भास्कर रेड्डी जी, योगाचार्य ए. कुन्डिया जी, योगाचार्य नागा रेड्डी जी, तेलंगाना से- श्री श. अधिवक्ता, श्री कृष्णा हरिद्वार से-, श्री संजय चावला जी, योगाचार्य रजनीश जी, योगाचार्य ईश्वर जी, उड़ीसा से- सुभाष जी, दिल्ली से- श्री राजेन्द्र कुमार सहानी जी, पंडित अमित शर्मा जी, श्री उमा प्रसाद कौशल जी, श्री निवास जी, योगाचार्य जयभगवान गर्ग जी, योगाचार्य कमल खन्ना जी, योगाचार्य सतीश अब्बी जी, योगाचार्य प्रकाश अब्बी जी, योगाचार्य पुरुषोत्तम जी, योगाचार्य देवेश, साध्वी गुरु छाया जी, फाउंडेशन फाॅर रिलीज हारमोनी यूनिवर्सल पीस के राष्ट्रीय सचिव कर्नल तेजिंदर पाल त्यागी जी, कन्याकुमारी से- स्वामी के. शिवा, श्री योग अभ्यास आश्रम ट्रस्ट से- श्री महेश चन्द गोयल जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष), श्रीमति सविता जी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), श्री राजीव खोसला जी (राष्ट्रीय सचिव), श्री मनोज कपूर जी (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष), श्री रवि भुषन चावला जी, श्री प्रशान्त जैन जी, ने शोक व्यक्त करते हुए अनेक योग संस्था से जुड़े अनुयाईयों और भगतों ने संस्था के चेयरमैन योगाचार्य अशोक जी को श्रद्धांजलि अर्पित करी।

श्रद्धांजलि सभा से पूर्व कम्युनिटी सेंटर पार्क में योगाचार्य अशोक जी के नाम से बालक पुरी धाम के महंत बाबा करण पुरी जी, नगर निगम के उपमहापौर राजू सहगल जी तथा पूर्व सहकारिता मंत्री श्री मनीष ग्रोवर जी ने परिवारजनों के साथ मिलकर त्रिवेणी का पौधा उनकी याद में लगाया।

Related posts
Event

Official Launch of the Society for Advanced Research in Plant Science (SARPS)

Date: 22/04/2025 Location: Narmadapuram (MP) With a shared vision to advance plant-based science for…
Read more
Event

Grand Success of Khel Mahakumbh and khel mahakumbh in Ratnagiri-Sindhudurg Parliamentary Constituency under the Leadership of Hon’ble MP Shri Narayan Rane Ji

Ratnagiri-Sindhudurg: The vibrant spirit of sportsmanship echoed through the Ratnagiri-Sindhudurg…
Read more
Event

"The Next Set Of Wealth Creators Will Be Asian Women": The Equality Summit 2025 Presented By RizingHer In Delhi

Why the rising success of women founders means the BFSI sector needs to further customize financial…
Read more